Wednesday, March 31, 2010

Kavita

उजाला

अँधेरे में जो कदम बढ़ते हैं
वे उजाले की आस्था से
भरपूर होते हैं
अँधेरे का मतलब
उनके लिए बाधा होता है
और उजाले का
अर्थ होता है संघर्ष
इसीलिये वे सहर्ष
हर चुनौती को स्वीकार लेते हैं
और अँधेरे के पृष्ठ पर
ज्योति के चमचमाते
हस्ताक्षर कर देते हैं
उजाले उनके हाथ में आकर
एक शस्त्र बन जाता है
जो अँधेरे के खिलाफ
चाकू की तरह तन जाता है
हथेली पर रखे आंवले
या किताब के
खुले पृष्ठ की तरह
उनके सामने
सब कुछ इतना स्पष्ट होता है
की गंतव्य स्वयं
उनके चरणों को धोता है
ऐसे लोग खुद
एक दिन मशाल बन जाते हैं !
फिर लोग उनके रोशनी में
अपना रास्ता बनाते हैं!

No comments:

Post a Comment